Reverse Repo Rate

रिवर्स रेपो रेट क्या होती है ( What is Reverse Repo Rate)

रिवर्स रेपो रेट रिज़र्व बैंक(RBI) द्वारा महंगाई को नियंत्रण में रखने के साधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। जिस प्रकार रिज़र्व बैंक रेपो रेट का प्रयोग करता है ठीक उसी के विपरीत रिवर्स रेपो रेट का उपयोग होता है। जिस प्रकार व्यावसायिक बैंक जब रिज़र्व बैंक से ऋण लेते तो रेपो रेट के हिसाब से ब्याज लगता ठीक उसी प्रकार जब कभी रिज़र्व बैंक व्यावसायिक बैंक से ऋण लेता है या उसको को लगता है कि बाज़ार में तरलता (Liquidity) अधिक है तो तरलता कम करने के लिए रिज़र्व बैंक व्यावसायिक बैंक से जमा स्वीकार करता है तो इस पर रिवर्स रपो रेट (Reverse Repo) की दर से ब्याज देता है। चूँकि रिवर्स रेपो रेट बढ़ जाती तो व्यावसायिक बैंक अपना पैसा रिज़र्व बैंक पास जमा करा देते है जिस पर रिवर्स रेपो रेट बढ़ने के कारण बैंकों को अधिक ब्याज मिलने लगता है।

रिवर्स रेपो रेट रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति (Monetary Police) का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। मौद्रिक नीति में ही रिवर्स रेपो रेट का उल्लेख होता है। हर 2 महीने पर मौद्रिक नीति की समीक्षा होती है और नयी मौद्रिक नीति घोषित होती है। मौद्रिक नीति को बनाने लिए RBI की एक मौद्रिक नीति समिति होती है। वर्तमान में 3.35% रिवर्स रेपो रेट चल रही है।

रिवर्स रेपो रेट कैसे काम करता है (How Reverse Repo Rate Works)

जैसे कि आप जानते ही है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट नामक दो दरों का प्रयोग रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा बाज़ार में तरलता(Liquidity) और महंगाई(Inflation) को नियंत्रित करने के लिए करता है। रिज़र्व बैंक दो तरह से अपने बैंकों से लेनदेन करता है। एक वह खुद बैंकों को ऋण (Loan) देता है और दूसरे जब वह खुद बैंकों से ऋण (Loan) लेता है।

जब देता है तो रेपो रेट की दर पर देता है और जब खुद ऋण लेता तो रिवर्स रेपो पर लेता है। अब यदि रिज़र्व बैंक (RBI) रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देगा तो सभी बैंक अपना पैसा रिज़र्व (RBI) के पास जमा करना शुरू कर देंगे और बैंकों से पैसा निकल कर रिज़र्व बैंक के पास चला जाएगा। तो बैंकों पास जब पैसा होगा ही नहीं तो वह अपने ग्राहकों को ऋण नहीं दे पाएंगे।

चूँकि लोन महँगा हो जाने के कारण लोग लोन नहीं लेंगे और अपने खर्चो में कटौती कर देंगे जिससे चीजों की माँग कम हो जाएगी। इस प्रकार माँग कम और आपूर्ति अधिक हो जाएगी जिस से वस्तुओ के दाम कम हो जायेगे। वस्तुओ के दम कम होने से महंगाई कम हो जाती है।

आम आदमी पर रिवर्स रेपो रेट का असर (Impact of Reverse Repo Rate on the Common)

  1. ऋण (Loan) मिलने में परेशानी।
  2. रिवर्स रेपो रेट बढ़ने से ऋण महँगा हो जाता है।
  3. लोगों की ऋण की क़िस्त (EMI) बढ़ जाती है।
  4. रिवर्स रेपो रेट बढ़ने से महंगाई पर नियंत्रण लग जाता है।

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